क्राइम/न्यूज़/sonbhadra news in the police department the matter of getting a job on the basis of fake caste certificate came to the fore fir recorded

Sonbhadra News: पुलिस विभाग में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने का मामला आया सामने, एफआईआर दर्ज़.

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। तत्काल हरकत में आकर पुलिस ने चारों आरोपियों के विरूध एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।

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5:47 PM, Aug 28, 2025

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Sonbhadra News: पुलिस विभाग में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने का मामला आया सामने, एफआईआर दर्ज़.
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चारों आरोपियों के खिलाफ घोरावल थाना में मुकदमा दर्ज।

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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।

सोनभद्र।

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। ताज्जुब की बात है कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चार युवकों ने खुद को उत्तर प्रदेश का निवासी और अनुसूचित जाति का बताकर आरक्षी नागरिक पुलिस की भर्ती 2023 में नौकरी हासिल कर ली। जांच में खुलासा होते ही पुलिस हरकत में आई और गहनता से जांच करने पर मामला सही पाया गया। मामले को लेकर प्रभारी निरीक्षक राम स्वरूप वर्मा ने बताया कि आरोपी उमेश कुमार, राकेश सिंह, दीपक कुमार और विजय कुमार हैं। सत्यापन के दौरान पता चला कि ये सभी बैसवार/वैश्य जाति के हैं। जो मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आती है।

जांच में सामने आया कि उमेश कुमार ने घोरावल का पता दिखाकर तहसीलदार से जाति प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया। वास्तव में वह सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील के मझिगवा गांव का रहने वाला है। अन्य तीन आरोपियों के पते भी मध्य प्रदेश के ही निकले। पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों के विरूध एफआईआर दर्ज कर ली गईं है और मामले की जांच जारी है। वही पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि आरोपी चारों व्यक्ति मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने के क्रम में घोरावल तहसील के अंतर्गत जाति निवास पत्र और मूल निवास पत्र फर्जी तरीके से बनवाकर अपना फॉर्म भरा था।

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उसके बाद उन्होंने एग्जाम दिया था। उनके सत्यापन के क्रम में ये चीज़े फर्जी पाई गई। जिसके आधार पर घोरावल तहसीलदार द्वारा इनका जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। इस आधार पर चारों के खिलाफ घोरावल थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से उनका अभ्यर्थी निरस्तीकरण के लिए जो प्रत्यावेदन है वो भर्ती बोर्ड भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने बताया इनके द्वारा गलत पपत्र तैयार किये गए थे। उसी के आधार पर मूल निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। फ़र्ज़ीवाड़ा करने के मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इन्वेस्टिगेशन में सारी चीज़े सामने आएंगी उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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