Sonbhadra News: दोषी दिनेश गुप्ता को उम्रकैद, करीब सवा 3 वर्ष पूर्व हुए अविनाश गुप्ता उर्फ भोनू हत्याकांड का मामला.
पटीदार द्वारा दुकान पर चाट खाने के बाद उपजे विवाद में भाई को बेरहमी से मारने पीटने का दिनेश गुप्ता पर था आरोप, मारपीट से अविनाश के शिर व पेट में गम्भीर चोटें आई थी। दवा इलाज के लिए अविनाश को जिला अस्पताल लोढ़ी ले जाकर भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
sonbhadra
9:19 PM, Sep 1, 2025
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अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने सुनाया फैसला।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
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करीब सवा 3 वर्ष पूर्व हुए अविनाश गुप्ता उर्फ भोनू हत्याकांड के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी दिनेश गुप्ता को उम्रकैद व 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक सोनू गुप्ता पुत्र महेंद्र गुप्ता निवासी डोरिया, थाना रायपुर, जिला सोनभद्र ने 8 जून 2022 को थानाध्यक्ष रायपुर को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका छोटा भाई अविनाश गुप्ता उर्फ भोनू डोरिया रोड पर चाट की दुकान चलाता है। 7 जून 2022 को उसके गांव का पट्टीदार दिनेश गुप्ता पुत्र विजय गुप्ता दुकान पर चाट खाने के बाद बगैर पैसा दिए चल दिया। जब उसका छोटा भाई अविनाश पैसे की मांग किया तो वह गाली देने लगा और देख लेने की धमकी देते हुए चला गया। रात करीब 8 बजे जब उसका भाई अविनाश दुकान बंद करके खेत पर आने लगा तभी दिनेश गुप्ता अपनी मां की वैशाखी लेकर आ गया और भाई को बेरहमी से मारने पीटने लगा, जिससे उसके शिर व पेट में गम्भीर चोटें आई। भाई को दवा इलाज के लिए जिला अस्पताल लोढ़ी ले जाकर भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचना के दौरान विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 7 गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दिनेश गुप्ता को उम्रकैद व 20 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।