Sonbhadra News: कूड़े के साथ मरे हुए जानवर फेंके जाने से स्थानीय रहवासी परेशान, किया प्रदर्शन.
सोनभद्र के ओबरा नगर पंचायत पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि नगर पंचायत सेक्टर 9 से सटे रिहायशी वार्ड 15 में उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम ओबरा की जमीन पर कूड़ा फेंक रही है। इस डंपिंग स्थल पर कूड़े के साथ मरे हुए जानवर भी फेंके जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र में गंभीर प्रदूषण फैल रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़े की दुर्गंध से उनका जीना दूभर हो गया है।
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1:43 PM, Nov 12, 2025
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कूड़े डंप से परेशान स्थानीय रहवासियों का प्रदर्शन।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
ओबरा नगर पंचायत पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि नगर पंचायत सेक्टर 9 से सटे रिहायशी वार्ड 15 में उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम ओबरा की जमीन पर कूड़ा फेंक रही है। यहां कूड़े के साथ मरे हुए जानवर भी फेंके जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण फैल रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़े की दुर्गंध से उनका जीना दूभर हो गया है। रात के समय इन कूड़ों में आग लगा दी जाती है, जिससे निकलने वाली जहरीली गैस पूरे क्षेत्र में फैल जाती है। ओबरा सेक्टर 9 से लेकर खैरटिया तक का वातावरण इस गैस से दूषित हो रहा है।जहरीली गैस के कारण सेक्टर 9, सेक्टर 2 और खैरटिया के सभी क्षेत्रों में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस प्रदूषण के कारण कई लोग स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से ग्रसित होकर अपनी जान गंवा चुके हैं।
ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिव दत्त दुबे ने इस स्थिति की कड़ी निंदा की है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मौके पर जाकर जांच करने और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों ने कूड़े के इस डंप को तत्काल बंद कराने का अनुरोध किया है, ताकि लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें। राकेश केसरी ने बताया कि पूरे नगर पंचायत क्षेत्र का कूड़ा यहीं फेंका जा रहा है, जिससे आसपास के लोगों का जीना दूभर हो गया है। रात में इस कूड़े में आग लगा दी जाती है, जिससे जहरीली गैस निकलती है। इस समस्या के समाधान के लिए निवासियों ने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ओबरा से मुलाकात की है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया था। पत्र के बाद, उत्तर प्रदेश शासन के सचिव को 15 दिनों के भीतर मामले की आख्या रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, सोनभद्र के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी आर.के. सिंह ने केवल खानापूर्ति करते हुए अधिशासी अधिकारी से आख्या रिपोर्ट मांगी है।
राकेश केसरी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब मामले का दोषी ही जांच रिपोर्ट देगा, तो निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की गौ रक्षक नीति का जिक्र करते हुए कहा कि कूड़े के ढेर में सैकड़ों गौ माताएं प्लास्टिक खाने को मजबूर हैं।
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भूखी-प्यासी गायों के लिए पेट भरने का कोई और रास्ता नहीं है और इस समस्या का कोई निदान नहीं किया जा रहा है। केसरी ने बताया कि मुख्यमंत्री के जनपद दौरे के दौरान उनसे मुलाकात कर इस विषय पर अवगत कराया जाएगा। शिवा दत्त दुबे ने बताया कि नगर पंचायत मनमाने तरीके से वार्ड 15 के रिहायशी इलाके में कूड़ा डंप कर रही है।
कूड़ा डंप होने के कारण आवारा पशुओं ने यहां डेरा जमा लिया है। स्कूली बच्चों के गुजरने पर आवारा कुत्ते उन्हें काट लेते हैं या डराते हैं। दुर्गंध के कारण यहां से गुजरना मुश्किल हो गया है, जिससे कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, नगर पंचायत को कई बार एमआरएफ सेंटर के पास कूड़ा डंप करने के लिए कहा गया है।
कुछ दिनों तक डंपिंग बंद रहती है, लेकिन फिर रात में कूड़े में आग लगा दी जाती है। जलने से निकलने वाली जहरीली गैसें सेक्टर 9 और आसपास के रिहायशी इलाकों में फैल जाती हैं। ये गैसें फेफड़ों को नुकसान पहुंचाकर गंभीर बीमारियां पैदा करती हैं, जिससे यहां दो मिनट भी रुकना मुश्किल हो जाता है। इस मामले को लेकर उप जिलाधिकारी ओबरा को भी अवगत कराया गया है।
उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में तहसील दिवस पर भी यह मुद्दा उठाया गया था। तब ओबरा पंचायत ने आश्वासन दिया था कि यहां कूड़ा डंप नहीं किया जाएगा और इस संबंध में एक सिक्योरिटी पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। हालांकि, कुछ समय बाद ओबरा नगर पंचायत ने फिर से कूड़ा फेंकना शुरू कर दिया। निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां फैलने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि अगर मामला नहीं सुलझा तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। वर्तमान में नगर पंचायत के कुल 17 वार्डों की गंदगी इसी इलाके में फेंकी जा रही है।
