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Sonbhadra News: खदान हादसा: घटनास्थल पर रेस्क्यू बंद करने की डीएम-एसपी ने संयुक्त रूप से घोषणा की.

बिल्ली–मारकुंडी क्षेत्र में पत्थर की खदान में हुए दर्दनाक हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरी तरह खत्म हो गया है। प्रशासन ने हादसे को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों ने संयुक्त रूप से घटनास्थल पर रेस्क्यू बंद करने की घोषणा कर दी है।

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4:18 PM, Nov 18, 2025

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Sonbhadra News: खदान हादसा: घटनास्थल पर रेस्क्यू बंद करने की डीएम-एसपी ने संयुक्त रूप से घोषणा की.
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सभी शवो का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा गया।

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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।

सोनभद्र।

बिल्ली–मारकुंडी क्षेत्र में पत्थर की खदान में हुए दर्दनाक हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरी तरह खत्म हो गया है। प्रशासन ने हादसे को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों ने संयुक्त रूप से घटनास्थल पर रेस्क्यू बंद करने की घोषणा कर दी है। जिले के ओबरा थाना क्षेत्र स्थित बिल्ली–मारकुंडी के कृष्णा माइनिंग वर्क्स में शनिवार दोपहर हुए खदान हादसे में शनिवार कि शाम से आज दोपहर तक रेस्क्यू अभियान चला।

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एसडीआरएफ और एनडीआरएफ और अन्य टीमों ने मलबे में फंसे लोगों को खोजने के लिए अभियान चलाया, चुनौती पूर्ण कार्य से मलबे से कुल सात शवों को बरामद किया गया। जिसमें 7 मृतक मजदूर के शव की पहचान हो गई और ज्यादातर शवों का अंतिम संस्कार भी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में संपन्न कराया गया। एक मृतक मजदूर का शव क्षत विक्षत् होने कारण पहचान होने में दिक्क़त हुई। रेस्क्यू अभियान में शामिल टीमों का कहना है कि मलबे के नीचे अब किसी और शव के होने की संभावना नहीं है। डॉग स्क्वाड टीम ने भी मौके का बारीकी से निरीक्षण कर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है।

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डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि रेस्क्यू में देरी की एक बड़ी वजह एक विशाल चट्टान का मौजूद होना बताया जा रहा है, जिसे हटाने में काफी समय लग गया। सभी शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को शव सौंप दिए गए हैं।

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पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि ओबरा थाना क्षेत्र की बिल्ली इलाके में पत्थर खदान में हादसे के बाद 15 तारीख के शाम से 18 तारीख दोपहर तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और लोकल जो प्राइवेट कंपनियों के एक्सपोर्ट थे उनके नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाया गया और इस बात को क्लियर किया गया कि अब यहां मलबा में कोई फंसा नहीं है। एक बड़ा पत्थर का टुकड़ा गिरने कारण वैकल्पिक मार्ग बनाकर सफलता पुर्वक रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

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मामले में मृतक मजदूरों के परिजनों कि तहरीर पर खदान मालिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ ओबरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की विवेचना ओबरा सीओ कर रहे हैं। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिले के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुआ यह खदान हादसा अपने आप में फिर कई बड़े सवाल खड़ा कर गया है। इससे पहले 2012 में भी खदान क्षेत्र में हादसा हुआ था। बावजूद इसके खदान में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता।

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नियम कानून को ताक पर रखकर मजदूरों की जान से खेला जाता है। क्योंकि आदिवासी गरीब इलाका होने कारण आसानी से मजदूर उपलब्ध हो जाते हैं। खदान मालिक नियमों को ताक पर रखकर उनके जीवन से आए दिन खेलते नजर आते हैं। बड़ी बात यह है कि खनन क्षेत्र में खनन विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं अक्सर सामने आती है।


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