Sonbhadra News: ओबरा पीजी कॉलेज के छात्रों का विरोध प्रदर्शन, परीक्षा फॉर्म के साथ ₹200 अतिरिक्त शुल्क लेने पर जताया ऐतराज़.
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ओबरा के छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय प्रशासन पर परीक्षा फॉर्म के साथ ₹200 अतिरिक्त शुल्क वसूलने का आरोप लगाया है। यह आदेश 6 नवंबर 2025 को जारी किया गया था, जिससे छात्रों में गंभीर चिंता है। छात्रों का कहना है कि यह आदेश मात्र एक सूचना के रूप में जारी किया गया है, जिसका कोई विधिक या विश्वविद्यालयीय आधार स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं है।
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8:42 PM, Nov 8, 2025
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अपनी मांगों के. लेकर प्रदर्शन करते छात्र।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से सम्बन्ध राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ओबरा के छात्रों ने ओबरा पीजी कॉलेज के छात्रों का परीक्षा फॉर्म के साथ ₹200 अतिरिक्त शुल्क लेने के विरोध में प्रदर्शन किया।
छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय द्वारा यह शुल्क अनुचित तरीके से वसूला जा रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रमोद कुमार ने छात्रों के बीच जाकर उनकी मांगों को सुना।
उन्होंने छात्रों को बताया कि यह ₹200 का शुल्क विश्वविद्यालय द्वारा इसलिए लिया जा रहा है ताकि भविष्य में जब छात्र अपनी स्नातक या स्नातकोत्तर की उपाधि लेने आएं, तो उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह मामला 3 नवंबर को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा जारी एक सूचना से जुड़ा है।
इस सूचना में कहा गया था कि स्नातक तृतीय वर्ष (पंचम सेमेस्टर) और स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर के छात्रों से अंतिम उपाधि शुल्क के रूप में ₹200 परीक्षा फॉर्म भरते समय ही जमा कराए जाएंगे।
एमए द्वितीय वर्ष के छात्र सतेंद्र कुमार यादव ने बताया कि पिछले वर्ष के छात्रों से यह शुल्क नहीं लिया गया था। अभिषेक अग्रहरी ने इसे छात्रों का आर्थिक उत्पीड़न बताया। छात्र सोनी ने कहा कि वह चोपन क्षेत्र से आती हैं और आने-जाने में ₹40 किराया लगता है।
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उन्होंने सवाल किया कि जब साल भर की पूरी फीस एक साथ ली जा चुकी है, तो यह अतिरिक्त शुल्क क्यों लिया जा रहा है।
संदीप यादव ने बताया कि सोनभद्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और ₹200 का अतिरिक्त शुल्क सरासर गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह शुल्क नहीं हटाया गया, तो छात्र फिर से धरना प्रदर्शन करेंगे।
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकांश विभागों में नियमित अध्यापन कार्य नहीं होता है। शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षण गुणवत्ता पर कोई ठोस निगरानी नहीं है।
सोनी ने बताया कि कई बार कॉलेज आने पर पता चलता है कि संबंधित विषय के प्रोफेसर छुट्टी पर हैं, जिससे उनका समय और पैसा बर्बाद होता है। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर कई मांगों का हल न निकालने का आरोप लगाया।
संदीप यादव ने महाविद्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि इसी कारण बड़े अधिकारी (गवर्नर, राष्ट्रपति) को यहां नहीं बुलाया जाता है। उन्होंने छात्र संघ चुनाव न कराने को लेकर भी सरकार पर छात्रों की आवाज दबाने और शोषण करने का आरोप लगाया।
