Sonbhadra News: सोनभद्र खनन हादसा: अपना दल के जिलाध्यक्ष ने घटना पर किया दुःख प्रकट, पीड़ितों के लिए ₹1 करोड़ मुआवजे की मांग की.
अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ बिल्ली मारकुण्डी खनन क्षेत्र में घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। अंजनी पटेल ने मांग की है कि कुल मुआवजे का आधा हिस्सा खदान मालिक द्वारा दिया जाए।
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9:49 PM, Nov 18, 2025
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अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल का दौरा किया।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में 15 नवंबर को हुए हादसे में अब तक 7 मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं। इस घटना के बाद अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष अंजनी पटेल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। अंजनी पटेल ने मांग की है कि कुल मुआवजे का आधा हिस्सा खदान मालिक द्वारा दिया जाए। उन्होंने जोर दिया कि लंबे समय से खनन से कमाई कर रहे खदान मालिकों की यह बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों के प्रयासों की सराहना भी की।जानकारी के अनुसार, हादसे के वक्त खदान में 15 से 18 मजदूर काम कर रहे थे। जिलाध्यक्ष ने खदान के संचालन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन के दिन जिला प्रशासन ने घोषणा की थी कि कोई भी खदान संचालित नहीं होगी।
ऐसे में यह खदान किन परिस्थितियों में चल रही थी, यह जांच का विषय है। पटेल ने खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि खदान में कोई बेंच नहीं थी और रास्ता भी केवल एक गाड़ी के आने-जाने लायक था, जबकि नियमानुसार दो गाड़ियों के लिए रास्ता होना चाहिए।
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अंजनी पटेल ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि खदान मालिक के पास काम करने वाले मजदूरों का कोई डेटा नहीं है। मजदूरों को न तो बीमा दिया गया था और न ही सुरक्षा किट उपलब्ध कराई गई थी। उन्होंने रात में खनन को भी नियमों का उल्लंघन बताया। अंजनी पटेल ने मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि खदान मालिक के पास काम करने वाले मजदूरों का कोई डेटा नहीं है।
मजदूरों को न तो बीमा दिया गया था और न ही सुरक्षा किट उपलब्ध कराई गई थी। उन्होंने रात में खनन को भी नियमों का उल्लंघन बताया। अंजनी पटेल ने इस मामले में जिलाधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब यह खदान और कई अन्य खदानों का मामला एनजीटी में लंबित था और जांच के निर्देश भी आए थे, तो जिलाधिकारी ने ऐसा हलफनामा क्यों दिया कि खदान सामान्य स्थिति में है और संचालन योग्य है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि यह हलफनामा न दिया गया होता तो शायद इतने मजदूरों की जान नहीं जाती। अंजनी पटेल ने मांग की कि पीड़ित परिवारों को न्याय तभी मिलेगा जब खदान मालिक और उनके सभी साझेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने और उनकी गलत तरीके से अर्जित संपत्ति की वसूली की बात कही। अंजनी पटेल ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा सही है, लेकिन कुछ अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री के 'बुलडोजर' कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि यदि दोषियों की संलिप्तता उजागर होती है, तो सरकार को इसी तरह का फैसला लेना चाहिए। इससे अवैध खनन में लिप्त अन्य लोगों को सबक मिलेगा और भविष्य में ऐसी अवैध खदानें संचालित नहीं होंगी।
