Sonbhadra News: नए साल का उत्सव का दिखा अलग-अलग रंग, मंदिर से लेकर पिकनिक स्पॉट पर उमड़ी भीड़.

Story By: चंदन कुमार, चोपन।
सोनभद्र।
2025 नववर्ष का आगमन हो गया है और इस दिन को खास बनाने के लिए लोग अपने-अपने तरीके से लगे हुए है। सोनभद्र के ओबरा तहसील के अलग-अलग स्थानों पर नववर्ष की धूम देखने को मिली, कोई मंदिर जाकर पूजा दर्शन कर नए साल की शुरुआत को भगवान के आशीर्वाद से खास बनाना चाहता है तो बहुत से लोग प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट जाकर खास दिन की शुरुआत उत्साहपूर्वक मना रहे है।

हमारे कैमरे में बहुत सी मनमोहक तस्वीरे नए साल पर कैद हुई आईये नए वर्ष के खास मौके पर मंदिर और पिकनिक स्पॉट की कुछ झलकियों से आपको रूबरू कराते है। सोनभद्र जनपद के चोपन थाना क्षेत्र के मां वैष्णो देवी शक्तिपीठ धाम पर हज़ारों श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के चरणों में माथा टेका और मां का आशीर्वाद लिया।

इस दौरान लोग मां का एक झलक पाने के लिए लंबी लाइन की कतार में भी घण्टों लगे दिखे। मंदिर कमेटी पहले से ही हज़ारों श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद से मंदिर परिसर पर विशेष सुविधाओं का इंतज़ाम कर रखा था। मां का आर्शीवाद स्वरूप प्रसाद वितरण भी श्रद्धालुओं को किया जा रहा।

जिससे जिले सहित अन्य जनपदों से आये श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो। सुरक्षा को लेकर रोड की देखरेख कर रही कंपनी के कर्मचारियों द्वारा रोड पर बेढंग तरीको से खड़ी वाहनों को हटाते दिखी और चोपन पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी मुस्तैद रही।

आपको बता दे कि मध्यप्रदेश के सिंगरौली, झारखंड के गढ़वा और बिहार सहित वाराणसी और मिर्जापुर के अधिकतर श्रद्धालुओं की भीड़ अक्सर वीकेंड पर आते रहते है। सोनभद्र के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में से एक अबाड़ी पिकनिक स्पॉट अपने मनमोहक दृश्य के लिए जाना जाता है।

झारखंड से घूमने आये सैलानी ने कहा हमने अबाड़ी का नाम सुना था जो मिनी गोआ के नाम से प्रसिद्ध है। आज हमने अपनो आंखों से देख लिया। मुझे यहां आकर बहुत अच्छा लगा अब तो यहां से जाने के बाद अपने दोस्तों के साथ इस पिकनिक स्पॉट के बारे में जिक्र करेंगे और मौका मिलेगा तक उनके साथ दोबारा आएंगे।

नदी में अमूमन साल भर घुटने तक पानी की विशेषता ही इस जगह को खास बनाती है। जिस वजह से अधिकांश सैलानी घण्टों पानी में ही मौज मस्ती करते नज़र आते है। खासतौर से बच्चों के लिए ये स्थल किसी स्वर्ग से कम नहीं। बच्चों का परिवार बाटी चौखा और अन्य व्यंजन मनाने में मशगूल रहते है तो बच्चे नदी के पानी में घण्टों मस्ती करते है।

क्या बड़े क्या छोटे सभी के लिए अबाढी पिकनिक स्थल किसी बाकी पहाड़ियों के पिकनिक स्थल से कम नहीं। बस रहती है तो इस जगह एक ही कमी वो है मोबाईल नेटवर्क की जिस वजह से काम करने वाले लोगों को थोड़ी सी दिक्कत महसूस होती है। बाकी तो एक दिन लोग ये चाहते है कि सारी फसाद की जड़ मोबाईल से इतर एक दिन तो राहत मिली।

बाकी रही कसी कसर आदिवासी क्षेत्रों में बसे आदिवासी चार चांद लगा देते है। सैलानी तीर धनुष देकर लोग फ़ोटो बड़ी चाव से लेते है और तीर से तरह तरह के निशाने लगाने की कोशिश करते है। हालांकि उनकी गरीबी देखकर थोड़ा मन उदास हो जाता है।