Sonbhadra News: रोडवेज बसों की दुर्व्यस्था को लेकर समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन, बसों को दुरुस्त कराने की मांग.

Story By: संगम पांडेय, रॉबर्ट्सगंज।
सोनभद्र।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सपा जिला सचिव प्रमोद यादव के नेतृत्व में सोनभद्र बस डिपो पहुंचे जहां उन्होंने बसों की दुर्व्यस्था को लेकर प्रदर्शन कर एआरएम को बसों की दुर्व्यस्था को दुरुस्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा। दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि रोडवेज बसों में जो टूटी हुई खिड़कियां है उन्हें तत्काल ठण्ड से बचाव के लिये शीशों को दुरूस्त कराया जाय।

रोडवेज बसों में एन्टी फॉग लाईट और रिफलेक्टर का कार्य अधूरा है उसे जल्द से जल्द पूरा कराया जाय। सोनभद्र डिपो के बेड़े में 50 से ज्यादा बसे है, इनमें से ज्यादातर का संचालन वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर होता है। ठण्ड के मद्देनजर एक माह पहले ही बसों की जाम खिड़कियां व उनके टूटे शीशे ठीक कराने का निर्देश दिये गये थे अभी भी कई बसों का दुर्व्यवस्था दूर नहीं हो पाया है। समाजवादी पार्टी सोनभद्र ने ज्ञापन में मांग की है कि रोडवेज बसों की दुर्व्यवस्था जल्द दूर किया जाय, जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके और ठण्ड से बचाव हो सके।

समाजवादी पार्टी जिला सचिव प्रमोद यादव ने इस दौरान कहा ठंड का समय है और लगन का सीजन भी चल रहा है। बहुत से यात्री सिर्फ सरकारी बसों में सफर करना चाहते है। लेकिन रोडवेज बसों की खिड़कियां टूटी-फूटी है। जिस वजह से तेज़ी से हवा का ठंडा झोखा यात्रियों को असहज महसूस कराती है। खिड़कियों की हालत की वजह से बस पर बैठा यात्री खड़खड़ाहट की आवाज से मोबाइल पर आसानी से बात तक नहीं कर सकता।

जिला सचिव ने कहा एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार कुंभ मेले के लिए व्यापक पैमाने पर बसों का संचालन कर रही है यहां तक की बसों को गेरुआ तक कर रही है। गेरुआ करिए लेकिन जो रोडवेज बसों की खिड़कियां टूटी है उसे तो कम से कम दुरुस्त कीजिए। जनता किराया देती है जबकि किराये की अपेक्षा उन्हें सुविधा नहीं मिलती। प्रमोद यादव ने कहा रोडवेज बसों की दुर्व्यवस्था का आलम यह है की खिड़कियां टूटी है रास्ते में डीजल खत्म हो जाता है।

जिससे आये दिन पब्लिक को परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए जनता के हित को ध्यान में रखते हुए यहां पर प्रदर्शन करके एआरएम को ज्ञापन सौपा गया है। उनसे निवेदन किया गया जो टूटी खिड़कियां है उनको दुरुस्त काया जाए नहीं तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर धरना देने के लिए बाध्य होंगे।